सवाई जगतसिंह जी द्वितीय ( जयपुर रियासत )
सवाई जगतसिंह जी द्वितीय ( जयपुर रियासत )
जयपुर के कच्छवाह राजवंश में सवाई जगत सिंह जी का महत्वपूर्ण स्थान रहा। इनका शासन काल 1803-1818 के बीच रहा । इन्होंने मात्र 17 वर्ष की आयु में जयपुर की गद्दी संभाली ।
अपने पिता सवाई प्रताप सिंह जी की तरह ये भी कला के प्रेमी थे।
इनके शासन काल के दौरान कई चित्रकार सुरतखाना ( जयपुर का शाही चित्र खाना ) लाए गए जहां दरबार और जनाना मजलिस की चित्रकारी की गई।
इसी के साथ सवाई महाराजा खेल और साहित्य में भी रुचि रखते थे।
सवाई जगतसिंह जी के शासन काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना यह थी कि इन्होंने अपने राज्य को मराठों व पिण्डारियों के आक्रमणों से बचाने के लिए ब्रिटिश सरकार से 1818 ई में संधि कर ली थी।
जयपुर में ब्रजबिहारीजी के मंदिर का निर्माण सवाई जगतसिंह जी ने करवाया था।
सवाई जगतसिंह ने 1807 ई में गिंगोली नामक युद्ध जोधपुर की सेना के विरूद्ध लड़ा। यह युद्ध मेवाड की रानी कृष्णाकुमारी को लेकर लड़ा गया।
जयपुर के कच्छवाह राजवंश में सवाई जगत सिंह जी का महत्वपूर्ण स्थान रहा। इनका शासन काल 1803-1818 के बीच रहा । इन्होंने मात्र 17 वर्ष की आयु में जयपुर की गद्दी संभाली ।
अपने पिता सवाई प्रताप सिंह जी की तरह ये भी कला के प्रेमी थे।
इनके शासन काल के दौरान कई चित्रकार सुरतखाना ( जयपुर का शाही चित्र खाना ) लाए गए जहां दरबार और जनाना मजलिस की चित्रकारी की गई।
इसी के साथ सवाई महाराजा खेल और साहित्य में भी रुचि रखते थे।
सवाई जगतसिंह जी के शासन काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना यह थी कि इन्होंने अपने राज्य को मराठों व पिण्डारियों के आक्रमणों से बचाने के लिए ब्रिटिश सरकार से 1818 ई में संधि कर ली थी।
जयपुर में ब्रजबिहारीजी के मंदिर का निर्माण सवाई जगतसिंह जी ने करवाया था।
सवाई जगतसिंह ने 1807 ई में गिंगोली नामक युद्ध जोधपुर की सेना के विरूद्ध लड़ा। यह युद्ध मेवाड की रानी कृष्णाकुमारी को लेकर लड़ा गया।
---------------------धन्यवाद---------------------
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