हाथी सिंहासन ( हौदा )सर्गुजा की पूर्व रियासत - छत्तीसगढ़ ( राजपूत रकसेल राजवंश ) c 1895.||HOWDAH The Elephant Seat, approx.1870-1920 Former princely state or surguja (chhattisgarh)

 हाथी सिंहासन ( हौदा ) 

सर्गुजा की पूर्व रियासत - छत्तीसगढ़ ( राजपूत रकसेल राजवंश ) c 1895.

इस चांदी के शाही हाथी सिंहासन पर आंशिक रूप से सोने का पानी चढ़ा हुआ है बारीक चित्रांकन के साथ मखमल से आरामदायक बनाया गया था। संभवतः यह राजा बहादुर रघुनाथ सारण सिंह देव जी शासन काल का है जिन्होंने 1879 से 1917 तक शासन किया।

हाथी हिंदोस्तान में शाही राजवंशों के साथ निकटता से जुड़े थे। वे शासकों को लड़ाई, शिकार और औपचारिक जुलूस में ले जाने में बहुत उपयोगी थे । इस चांदी के हाउदे में राजघराने के चिह्न हैं जिसमें सामने की ओर हथियारों के शाही कोट और किनारों पर फूलों के कलश हैं। सिंहासन पर बैठे शेर की आकृतियां भी शाही शान और शौकत के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। चांदी की जरदोजी कढ़ाई के साथ आलीशान मखमली छतरी इसकी शाही सिद्धता का एक अन्य प्रतीक है।

चांदी और सोने के ऐसे होदे मुख्यतया हर रियासत के पास थे जो आज भी मौजूद है। इन पर रियासती प्रतीक चिन्हों का अंकन मुख्यतया किया जाता था।

Inframe : Elephant seat (howdah), approx. 1870–1920. India Chhattisgarh state ( former princely state of Surguja.) Partially gilded and painted silver over wood, with velvet and wicker.

Courtesy : Asian Art Museum

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